Homoeopathic Medicine for Typhoid Fever || टाइफाइड बुखार के लिए होम्योपैथिक दवाएं 💊

 ⚫ टाइफाइड बुखार के लिए होम्योपैथिक दवाएं 💊 :


होम्योपैथी में कई उपचार हैं जो टाइफाइड के लिए दिए जा सकते हैं, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति अलग है और अलग-अलग रोग के लक्षणों के साथ आता है , इसलिए होम्योपैथिक चिकित्सक को रोगी के उपचार के लिए लक्षणों के हिसाब से दवाओं का चयन करना चाहिए । उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:



▪️आर्सेनिकम एल्बम

> लक्षण: 

बुखार अधिक होता है और बुखार हर दिन लगभग 3 बजे दिखाई देता है ।

बुखा़र खत्म होने के बाद व्यक्ति बेहद थकावट महसूस करता है ।

तीव्र बेचैनी। वह कभी-कभी लेट जाता है , चारों ओर घूमता या बैठता है। बेचैनी को दूर करने के लिए लगातार स्थिति बदलता रहता है या पैर हिलाता रहता है ।

शरीर में जलन होती है । 

प्यास लेकिन कुछ घूंट पानी से ज़्यादा ना पी पाए।


▪️बेल्लाडोना

> लक्षण:

बुखार के साथ शरीर में जलन और गर्मी। ऐसा लगता है, मानो शरीर गर्म भाप बन रहा है।

बुखार के साथ प्यास की कमी।

पैर ठंढे लेकिन शरीर के बाकी हिस्सों में गर्मी महसूस हो।


▪️ब्रायोनिया अल्बा

> लक्षण: 

सिर, पीठ और अंगों में दर्द, बदन दर्द के समय हिलना डुलना अच्छा ना लगे। 

होंठ सूखे होते हैं, और जीभ सफेद होती है।

एक समय में बड़ी मात्रा में पानी की प्यास।

ठंड लगना, और ठंडी त्वचा।

गर्मी के दिनों में शिकायतें बढ़ जाती हैं।


▪️बैप्टीशिया 

> लक्षण:

यह टाइफाइड बुखार के लिए सबसे ज़्यादा उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवाओं में से एक है। 

 लेटने या शरीर के किसी हिस्से को छूने पर दर्द महसूस हो। इतनी कमज़ोरी हो कि व्यक्ति अपनी बीमारी के बारे में अच्छे से बता भी ना सके और बीच में ही बोलते-बोलते सो जाए ।

सिर दर्द, साँस और मल में काफी बदबू। 

बिस्तर कड़ा मालूम हो। 

भूख लगे लेकिन खाने की इच्छा न हो।


▪️Gelsemium

> लक्षण: 

बुखार के दौरान व्यक्ती इतना कांपने लगे ताकि उसको पकड़ना पड़े।

बुखार के दौरान कमजोरी और थकान इतनी ज़्यादा हो कि व्यक्ति चाहे वह सिर्फ लेटा रहे । 

शुरू के पहले सप्ताह में उपयोग करें। 

बच्चों के Typhoid बुखा़र में बहुत फायदेमंद। 

धीरे-धीरे चढ़ने वाला घातक बुखा़र हो। 

तेज़ सिरदर्द जो ज़्यादा पेशाब करने से कम हो। 


▪️फॉस्फोरिकम एसिड

> लक्षण: 

जगह बदलने की इच्छा ना करे। व्यक्ति सिर्फ बिस्तर में लेटा रहे ।

आवाज़ काफ़ी सुस्त हो ।

थकावट जो शारीरिक से ज़्यादा मानसिक हो ।

 बहुत ही ज़्यादा दस्त हो जिंदगी के लिए खतरनाक हो ।

डायरिया, जिसमें दर्द ना हो , हल्के रंग का हो, कई बार सफेद भी हो सकता है ।


▪️रस टॉक्स

> लक्षण: 

रोगी को पतले दस्त हों। 

शरीर में बेचैनी, दर्द और काफ़ी सुस्ती हो । बेचैनी इतनी हो कि रोगी बिस्तर में ही पड़ा रहे। 

जीभ सख़्त और जीभ की नोक लाल हो ।

इतनी ठंड महसूस हो कि मानो उस पर ठंडा पानी डाला गया हो। 


▪️आर्निका मोन्टाना

> लक्षण:

शरीर दर्द काफ़ी हो। 

ऐसा शरीर दर्द हो मानो किसी ने ख़ूब मारा हो। 

बेहोशी और काफ़ी कमज़ोरी महसूस हो। 

अनजाने में ही टट्टी-पेशाब हो जाए। 

सवाल पूछे जाने पर पूरा जवाब देकर रोगी सो जाए। 

परेशानी होने के बावजूद कहे कि उसे कोई परेशानी नहीं है। 


     👉 दी गई सभी जानकारी केवल Homoeopathic दवाई की विशेषताओं और मूल्यों को समझाने के उद्देश्य से हैं। यहां दी गई जानकारी किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह के बिना उपयोग नहीं की जानी चाहिए। हमेशा चिकित्सकीय परीक्षण और उपचार के लिए किसी योग्य चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।


                         TAHA KAUSAR (B.H.M.S Student)

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