Leprosy / कुष्ठ रोग / कोढ़ / جذام ) में काम आने वाली कुछ लाभदायक Homoeopathic दवाएं -
💠 कुष्ठ रोग (Leprosy कोढ़ جذام ) में काम आने वाली कुछ लाभदायक Homoeopathic दवाएं -
🔺इस रोग में त्वचा पर धब्बे (सफेद या गुलाबी) आ जाते हैं जिनमें धीरे-धीरे संवेदना खत्म हो जाती है और वह हिस्सा गलने लगता है।
🔹SULPHUR - सोरिक म्याज़्म से ग्रसित रोगियों की मुख्य औषधि।
🔹HYDROCOTYLE - इस रोग की दूसरी मुख्य दवा। इसमें त्वचा बहुत मोटी हो जाती है और त्वचा के छिछडे़ (Scale) से झड़ते हैं।
🔹BACILLINUM - अन्य दवाओं के साथ Pseudo Psora से ग्रसित रोगियों को लक्षणों के अनुरूप यह औषधि 15 से 20 दिन में एक बार दी जा सकती है।
🔹AURUM MET - जब नाक से बहुत बदबूदार व सड़ांध वाला स्त्राव निकले और रोगी जिंदगी से निराश हो गया हो ।
🔹 ARSENICUM IODATUM - जब अंगुलियाँ व अंगूठे झड़ जाएं हरा घाव सा दिखे एवं उसमें कांटे से चुभें।
🔹GRAPHITIS - जब फटी हुई त्वचा में से चिपचिपा स्त्राव निकले तथा कब्ज रहे।
🔹ANACARDIUM OCCIDENTALE - संवेदनाहारी कोढ़ के लिए अति उत्तम दवा।
🔹 SYPHILINUM - कोढ़ के साथ शरीर पर उपदंश ( Syphilis) के दाने व चकत्ते होते हैं ।
🔹 HURA BRAZ - complimentary medicine
🔹HOANG-NAN - स्पर्श महसूस ना होने पर।
🔴 इस के साथ ही कुष्ठ रोगियों को क्या नहीं खाना चाहिए -
🔸बादी, गरिष्ठ, तले, गर्म तासीर के पकवानों का सेवन न करें।
🔸मांस, मछली, मिर्च-मसाले, मसूर की दाल, बैगन आदि न खाएं।
🔸नमक और चीनी का प्रयोग बिलकुल ही कम करें |
🔘इस के अलावा कुष्ठ रोगियों का मानसिक तौर पर ध्यान देना चाहिए तथा उन्हें घृणित नज़रों से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्हें इस बीमारी से इलाज में उनकी मदद करनी चाहिए। यदि कुष्ठ रोग का इलाज ना किया जाए तो इससे त्वचा में गंभीर कुरूपता आ जाती है और मरीज विकलांग भी हो सकता है। कुष्ठ रोग का इलाज संभव है और जल्दी इलाज करने से मरीज को शारीरिक विकलांगता से बचाया जा सकता है।
👉 दी गई सभी जानकारी केवल Homoeopathic दवाई की विशेषताओं और मूल्यों को समझाने के उद्देश्य से हैं। यहां दी गई जानकारी किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह के बिना उपयोग नहीं की जानी चाहिए। हमेशा चिकित्सकीय परीक्षण और उपचार के लिए किसी योग्य चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
📌 TAHA KAUSAR (B.H.M.S Student)


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