GOUT ( गठिया बाई ) क्यूँ होता है
🔶 GOUT ( गठिया बाई ) 🔶
गठिया रोग एक Chronic Desease है जिसके होने से जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न आने लगती है। लक्षण आम तौर पर हाथ, पैर और कलाई पर असर करते है, कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है जहाँ लक्षण बद से बदतर हो जाएं।
गठिया रोग से प्रभावित होने वाले कुछ लोगों के शरीर के अन्य भागों में और भी समस्याएँ सामान्य तौर पर हो सकती हैं जैसे थकान और वजन में कमी का अनुभव होने लगता है।
यदि आपको लगता है कि आप को गठिया रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिये ताकि वे असली कारण की पहचान कर सकें।
गठिया रोग से जल्द छुटकारा ज़रूरी है क्योंकि जल्दी उपचार से बदतर हो रही हालत को रोका जा सकता है और जोड़ों को पहुँचने वाले जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
◼️ गठिया रोग के कारण:-
खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है. व्यक्ति जब कुछ देर के लिए बैठता या फिर सोता है तो यही यूरिक एसिड जोड़ों में इकठ्ठा हो जाते हैं, जो अचानक चलने - फिरने या उठने में तकलीफ देते हैं, यूरिक एसिड की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाने पर यह गठिया रोग का रूप ले लेता है।
▪️यूरिक एसिड बढ़ने के मुख्य कारण-
रेड मीट, सी फूड, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, मटर, पनीर, भिंडी, अरवी और चावल खाने से भी यूरिक एसिड बढ़ता है। खाने के रूप में लिया जाने वाला प्यूरिन प्रोटीन भी यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ाता है। जो लोग व्रत रखते हैं उनमें भी अस्थायी रूप से यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है।
इसी कारण कुछ समय के बाद, जोड़ों, नरम हड्डी और आसपास की हड्डी को नुकसान पहुँच सकता है।
[गठिया रोग में Homoeopathic दवाओं की जानकारी अगली Post में दी जाएगी ]
TAHA KAUSAR ( B.H.M.S. Student )
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