TYPHOID FEVER (टाइफाइड बुखा़र)

  💠TYPHOID FEVER (टाइफाइड बुखा़र) 💠

      Salmonella typhi नामक कीटाणु के कारण होने वाले बुखा़र को Typhoid बुखा़र कहा जाता है।

यह एक संक्रमित रोग है  जो दूषित भोजन और पानी से फैलता है। टाइफाइड में बुखार आम है। इसमें शुरू में धीरे धीरे बुखा़र बढ़ता है। बुखा़र की प्रकृति सुबह और शाम में भिन्न भिन्न होती है, जहाँ बुखा़र सुबह कुछ कम होता है वहीँ शाम को 2-3 डिग्री (°F) बढ़ जाता है। यह बुखा़र धीरे-धीरे बढ़कर 104 - 105 °F तक पहुंच सकता है। इसमें लक्षणों की अवधि आमतौर पर 1-2 सप्ताह और बीमारी की अवधि लगभग 3-4 सप्ताह तक की हो सकती है
टाइफाइड में रिफाइंड और प्रोसेस फूड खाने से बचना चाहिए - घी, तेल और बेसन,मक्का, शक्करकंद, कटहल, भूरे चावल आदि का परहेज करें- लाल मिर्च, मिर्च का सॉस, सिरका, गर्म मसाला, खटाई नहीं खानी चाहिए. - अंडे या गर्म चीजें नहीं खानी चाहिए.
अगर आप टाइफाइड बुखार से ग्रसित हैं, तो आपको कुछ दिनों तक केवल फलों के जूस और नींबू पानी पीना चाहिए। शुरूआती दिनों में आपको अधिक से अधिक तरल खाद्य पदार्थों को खाना चाहिए। उसके बाद धीरे-धीरे आप केला, तरबूज, अंगूर और आड़ू जैसे फलों को खाएं। इसके अलावा आपको नारियल पानी, जौ का पानी, ताजा फलों का जूस,अधिक से अधिक पानी पीना, छाछ का, सब्जियों के जूस का सेवन करना चाहिए।


📌[Typhoid Fever में Homoeopathic दवाओं की जानकारी अगली पोस्ट में दी जाएगी]

   TAHA KAUSAR (B.H.M.S. Student)

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